सोमवार, 10 अगस्त 2020

The Great Nepali artist Araniko


अरनिको
नेपाल के चित्रकार
The Great Nepali Artist Araniko

अरनिको जन्म एक गरिब परिवार मे हुवा था उस वक्त विद्यार्थीयोको गुरुकुलके पाठशाला मे पठन पाठन कराने का चलनचल्ती था मगर अरनिको गरिब होने के कारण पाठशाला जाकर विद्या हासिल करनेका अवसर नहि मिला । अरनिकोका नाम बलबाहु था जब उस्ने चित्रकार मै प्रसिधि कमाया तो अरनिको के नाम से पेहेचानने लगे छोठा उमर से हि प्रतिभासालि अरनिको मेहेनती और बुद्धिवान था । उस वक्त नेपाल और चिन के सम्बन्ध बहुत अच्छा दो देशका व्यापार सै भि दो देश आपसी फाइदा लेता था उस वक्त नेपाल मे जयभीमदेव मल्ल राजा था और चीन मै कुब्ला खा नेपाल और चीनका सम्बन्ध अच्छा होने के कारण कुब्ला खा ने नेपाल के राजा जयभीमदेव मल्लको अपने देश मै कुछ अच्छे चित्रकारको भेजने के लिए अनुरोध किया राजा कुब्ला खा को एक सानदार मन्दिर बनाने का सोच बनाया था इसलिए उसने पत्र पत्र भेजकर चित्रकारो को भेजने के लिए अनुरोध किया उस वक्त नेपाली मूर्तिकार हरजगह बहुत प्रख्यात था और राजा जयभिमदेव नै ८० नेपाली मूर्तिकार चीन मै भेजा और चिनमे नेपालने भेजा हुवा चित्रकार टुक्रियो ने सुन्दर, सुन्दर मूर्तियो बनाने लगा ये देखकर चिनका जनता भि आसर्चय से हैरान होकर रह गया क्युकि उस वक्त चिन मै उस तरहका अच्छा मूर्तिकार नहि था नेपाली टुक्रिका मुर्तिकला, चिक्रकला देखकर राजा बहुत खुश हुवा । चिनमै चित्रकार, मुर्तिकला प्रर्दशन करने के बाद अरनिको नेपाल वापस आना चाहा पर चिनकी राजा नै उसे वहि चिन मै रहने के लिए बहुत बिन्ती कि ये देखकर अरनिको नै भि राजाका बिन्ती ठुक्रा ना सका और ईस तरह से नेपाल के एक हस्ति जो नेपाल कै लिए सितारा कि तरह चिन मै रह गया ।


शुक्रवार, 8 मई 2020

काठमाडौंका नजदिकका स्विर्टजरलेण्ड

माता भगवती मन्दिर
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kalinchowk 
नेपाल के राजधानी काठमाडौं से करिब १४७ किलोमिटर के दुरी मे अवस्थित कालिन्चोक भगवती माता का मन्दिर हिन्दु धर्मालम्वी के आस्था के प्रतिक ये मन्दिर काठमाडौं से छोटी दुरी मे अवस्थित है याहाका रमणिय दृश्य देख्ने के लिए सर्दी के मौसम मे देश बिदेश से बहुत सा पर्यटक आते है काठमाडौं से नजदिक होने के कारण नजदिक और सस्ता ट्राभल प्याकेज का मजा ले सक्ते है । काठमाडौं से १४७ किलोमिटर कि दुरी मे होने के कारण यहा पर बस से या अपना निजी वहानो से सफर कर सक्ते हे । अगर लोकल बस से यहा का सफर करते हे तो ४०० रुपैया का टिकट काट कर सफर कर सक्ते है और जिप पर सफर करना चाहाते है तो ३,००० हजार रुपैया से ६,००० रुपैया मै ३ दिनका लजिल और फुडिग के साथ आनो जाने का ट्राभल बुक कर सक्ते है !! हे ना सस्ता !!

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Kalinchowk 
सर्दीयो के सिजन मे यहा पर हिमपात होता है यहा का वन पैधे सब हिउ से ढके होते हे । हिमपात शुरु होते हि राजधानिवासी और बिदेशी पर्यटक यहा पर अपना परिवार के साथ कालिन्चोक भगवती माता के दर्शन के साथा साथ यहा पर विखरे हुए हिउ का मजा लेना आता है उस वक्त यहा पर पर्यटक और भक्तजनो का चाप ज्यादा होता है । 
दोलखा जिल्ला मे अवस्थित ये जगह ३८४० मिटर के उचाई मे अवस्थित है । 
भगवती माता ने असुरो और दानवो का नरसंहार किया हुवा ये क्षेत्र भगवति माता कि मन्दिर स्थापीत हे । 
साल मे एक बार यहा का लोग बाजागाजा के साथ खुशीयाली मानाता है कहावत ये है कि माता भगवति ने असुरो का वध कर्नेका आस्वासन यहा के प्रजाओ को दिया था तो उस खुशयाली मे यहा के लोग साल मे १ बार भगवती माता के इस आस्वसान का सम्झते हुए खुशियाली मनाता है । 

मंगलवार, 5 मई 2020

पशुपतिनाथ

पशुपतिनाथ
पशुपतिनाथ मन्दिर भगवान शिवका पवित्र बासस्थान माना जाता है जाहा भगवान शिवजी के १२ ज्यर्तिसलिङ मे से एक पशुपतिनाथ मन्दिर मे है । ये मन्दिर विश्व साँस्कृतिक विरासत स्थल कि सूचि मे शामिल है । नेपाली प्यागोडा शैलि मै निर्माण किया हुवा ये मन्दिरका छत सोने और तामा से बना हुवा है, गजुर पुरी सोने से बना हुवा है और मुख्य चार द्वार चादिओ से बना हुवा है । पश्चिम और के द्वार के आगे माता नन्दी का विशाल मूर्ति है कहा जाता है कि मन्दिर प्रवेश करते वक्त माता नन्दी से पहले भगवान पशुपतिनाथका दर्शन करना चाहिये नहि तो अशुभ माना जाता हे इसलिए यहा आतो भक्तोजनो पहेले भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने के बाद माता नन्दी के दर्शन करते है ।  
The Temple of Lord Shiva
Pashupathnath
विश्वभर मे विख्यात पशुपतिनाथ मन्दिर नेपाल के राजधानि काठमाडौं मै रहा ये मन्दिर राजधानी के करिव २ किलोमिटर पूर्वी कि तरफ वागमती नदी के तट तर अवस्थीत है ये मन्दिर विश्व साँस्कृतिक विरासत स्थल की सूचि मे शामिल है हिन्दु भक्तो के आस्था का प्रतिक ये मन्दिर भगवान शिवका अदित्य शिवलिंग यहा पर हे । पशुपति मन्दिरके उत्पतिके बारे मे बहुत सारा कहवात है कहा जाता हे कि महाभारत कालमै पाण्डव नै महाभारत के लडाई मै गोत्र हत्या किया था भागवान शिवका दर्शन से गोत्र हत्या के पाप धुल जाएगा समझने के बाद पाण्डवो भगवान शिवजी के दर्शन के लिए कैलाश निकले यो बात भगवान शिवको पता चला तो भगवान शिव ने भैस के रुप धारण करके धर्ती पर घुसा और उस भैसका पिछेका हिस्सा केदारनाथ पर निक्ली और आगेका हिस्सा नेपाल के काठमाडौं मे निकला जो आज पशुपति मन्दिर के नाम से जाना जाता है । 

और दुसरा कहावत ये भि है कि भगवान शिवजी देवताओ के साथ छोडकर नेपाल के काठमाडौं आया यहा के हरियालि सुन्दर बृक्ष, जंगल, पेढ पौधे, हिमाली शंखला देख कर यहि पर पशु के रुप धारण कर के बागमती नदी के तट पर रहने लगे उधर कैशल पर शिवजी ना होने के कारण देवताओ ने भगवान शिवजीको ढुडते हुए यहा पर आए ये देख कर देवताओ से दुर रहने के लिए भगवान शिवजी ने बागमती के तट से दुसरी तरफ छलाङ लगा दि तभि भगवान शिवका सिंङ टुटकर पाँच भाग मे बट गए और वहा से पंचलिङ प्रकट हुवा जो आज पशुपतिनाथ मन्दिर से जाना जाता है । 

और ये भि कहावत है कि 
पेहेले ये स्थान पर हिमालय से होकर गाईमाता आकर अपना दुध यहा पर चढाकर फिर हिमालय और चला जाता था और यहा का गाउवाला नै ये देखकर आखिर गाईमाता आकर क्यु दुध चढाता है जान्ने के लिए उस जगह पर जहा पर गाईमाता अपना दुध चढाता था वहा पर खुदाई कि तो वहा पर पंचलिग प्रकट हुवा तभि से वहा पर भगवान शिवजीका मन्दिर स्थापना हुई । 
The Lord of Shiva
Jai Pahupathnath
हिन्दु धर्म के आस्था के प्रतिक ये मन्दिर भगवान शिवका अदित्य शिवलिंग यहा पर हे कहा जाता है कि पशुपतिनाथ कि दर्शन करने से पशु योनी मे जन्म नहि होगा, अज्ञान्ता पापो से मुक्ती होते है, शिवलोक प्राप्त होति है अगर आप ईण्डिया से है तो आप पशुपतिनाथ के दर्शन करना चाहाते है तो आप हवाई मार्ग, अपना सवारि साधन, लोकल सवारी, रोल मार्ग होते हुए यहा का दर्शन कर सक्ते है नेपाल के काठमाडौं मे नेपाल कि एकमात्र अन्र्तराष्ट्रिय हवाईअड्डा है आप इण्डिया के कोइ भि जगह से हवाईमार्ग होते यहा पर आ सक्ते है । काठमाडौं हवाईअड्डा से बस १ किलोमिटर के दुरी मे भगवान पशुपतिनाथ का मन्दिर अवस्थित है अगर आप अपना निजी वाहान से याहा के यात्रा करना चाहाते है तो उत्तर प्रदेश के सुनौली होते आ सक्ते है या विहार के रक्सौल होते भि यहा के यात्रा कर सक्ते है अगर रेलमार्ग से यात्रा करते है तो उत्तरप्रदेश के गोरखपुर तक रेल मे यात्रा करके वहा से लोकल सवारी या निजी सवारी होकर यहा आ सक्ते है यहा आकर आप और भि धार्मिक स्थलो और नेपाल के विश्व साँस्कृतिक विरासत स्थल के सूचि मे रहा सम्पदा देख सक्ते है जैसा कि बौद्धनाथ महाचैत्य, चाँगुनारायण मन्दिर, भक्तपुर दरवार, स्वयम्भुनाथ स्तुपा, हनुमानढोका दरवार, पाटन दरवार, बुद्धका जन्म स्थल लुम्बिनी, सगरमाथा राष्ट्रिय निकुञ्ज, चितवन राष्ट्रिय निकुञ्ज जैसा विश्व साँस्कृतिक विरासत स्थल देश सक्ते है । 

सोमवार, 4 मई 2020

नेपाल एक सुन्दर देश

नेपाल एक सुन्दर देश

Nepal
हिमालय के गोध मे वसा एक छोठा सा देश नेपाल जो चाईना और ईन्डिया के वीच मे है ये देश पुरी तरह से लेन्डलाक है उत्तर कि और चिन हे तो दक्षिण, पूर्व, पश्चिम इन्डिया ने घेरा हुवा है इस देश मै कोइ भि समुन्द्र ना होने के बाबुजुद भि ये देश पानी के मामलो मै सबसे बढि पानी पाए जाने वाले देशो मे से गिना जाति हे माता सिताका जन्म भि नेपाल मै हुवा है, एसिया का सितारे भगवान गौतम बुद्ध का जन्म भि नेपाल मै हुवा है, युनेस्को के विश्वो धरोहर के सूचि मे सूचिकृत पशुपतिनाथ शिवजीका मन्दिर जो हिन्दु भक्तओ के आस्था के प्रतिक है जो नेपाल मै है, विश्वो के सबसा उचा हिमालय (सगरमाथा) भि नेपाल मै हे, ऐसा कहि सारी चिजे नेपाल से जुटे हुए है खैर नेपाल के इतिहास कि तरफ देखा जाए तो ये देश सबसे पहेले नेपाल के नाम से नहि जानि जाति थि यहा पर कई सारे राज्यो कि टुकडी थि जैसा कि बुढासुब्बा राज्य, लम्जुङ, गोर्खा, नुवाकोट, तनहु, मकवानपुर, पाल्पा, भक्तपुर, किर्तीपुर, काठमाडौं, पाटन दरबार जैसा कहि सारे राज्य थे ये सभि राज्योको एक आपस मै समेट के नेपाल का निर्माण हुवा है जिस्का किरदार श्री पृथ्वी नारायण शाह को जाता है उसने हि नेपाल के छोटा बटा राज्यो को एक साथ जोडने का महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है । 

सुन्दर नेपाल यहाका भूबनावट हिमाल, पहाड और तराई ये तीन तरह से बनी हे आज के दिन मे लगभग २.५ करोड जनसंख्या है नेपाल मे क्षेत्र और स्थान के अनुसार यहा के लोगका वर्णन किया हुवा है जैसेकी हिमाली भेग जो हिमाल क्षेत्र मे हे वहा पर शेर्पा, गुरुङ, तामाङ जातिका मुलवासी है तो पहाडि भेगका मुलवासी राई, लिम्बु, मगर, नेवार, ब्राह्मण, क्षेत्री जैसा लोग है और चौधरी, शाह, यादव, धिमाल जैसा समथल भेगका मुलवासी है वैसे तो और भि बहुत जाति है जो सबि जगह पर पाए जाति है । 

नेपाली लोग धार्मिक, अपनि सांस्कृतिक पर बहुत आस्था राख्ते है । बहुत जातजाति होने के कारण अपने अपने धर्म से अपने अपने भगवानको पुजते हे अपने अपने भाषा है जैसेकि शेर्पा लोगका अपने खुदका भाषा है, राईका अपना, नेवार, तामाङ जैसा बुहत सा जाति है  सभिका अपना अपना भाषा है लेकिन अपना मातृ भाषा नेपाली हि है यहा पर करिब १२० भाषा बोलि जाति है नेपाल एक हिन्दु देश थे लेकिन जब यहा के जन्ता ने राजाको हटाकर देश मे लोकतन्त्रका स्थापना किया और देशको धर्मनिरुपेक्ष देशमै घोषित किया ईस तरह से यहा पर जो कोहि भि अपने धर्म और जो कोहि भि धर्म अंगल सक्ते है जैसा कि इस्लाम, हिन्दु, बौद्ध, क्रियच्यन इस पर कोई पावन्दि नहि है पहेले राजतन्त्रके समय बस हिन्दु धर्म हि मान सक्ते थे दुसरी धर्म मान्ने पर उसको जेल जाना पडता था लेकिन अब वैसा समय नहि है ।

जय नेपाल